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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 7 मई 2024 (12:14 IST)

Darsh amavasya 2024: दर्श अमावस्या क्या है, जानें महत्व और पूजन के मुहूर्त

दर्श अमावस्या पर करें चंद्रदेव का पूजन।

Darsh amavasya 2024: दर्श अमावस्या क्या है, जानें महत्व और पूजन के मुहूर्त - Darsh Amavasya May 2024
Today darsh amavasya
 
HIGHLIGHTS
 
• दर्श अमावस्या आज।
• दर्श अमावस्या 2024 के मुहूर्त। 
• दर्श अमावस्या का महत्व।
 
Darsh Amavasya Significance : हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में 07 मई, दिन मंगलवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवीं तिथि पर दर्श अमावस्या मनाई जा रही है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। दर्श अमावस्या के दिन पूरे मन से चंद्रमा की पूजा करने से हर इच्छा पूर्ण होती है। इस दिन पितृ पूजन, पितृ तर्पण, स्नान तथा दान करना बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है। इस दिन पूर्वजों के लिए प्रार्थना करने की मान्यता है तथा पितरों की पूजा होने से इसे श्राद्ध अमावस्या भी कहा जाता है। 
 
मान्यता के अनुसार दर्श अमावस्या पर चंद्रमा पूरी रात गायब रहता है। दर्श अमावस्या के मौके पर व्रत करने से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं। अत: इस दिन सच्चे मन से की गई प्रार्थना चंद्रदेव अवश्य ही सुनते हैं। इस तिथि पितृदेव धरती पर आकर परिवारजनों को आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं। अत: पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितृ तर्पण, स्नान, दान, गरीबों की सहायता करना बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है। 
 
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है, अत: दर्श अमावस्या के दिन चंद्रदेव का पूजन करने, उन्हें अर्घ्य देने से तनाव दूर होकर मानसिक शांति प्राप्त होती है। यदि आप जीवन में परेशानियों से घिरे हुए हैं या संघर्षपूर्ण जीवन जी रहे है तो दर्श अमावस्या का व्रत रखकर चंद्रमा का पूजन करने से जीवन सुखमय बनने लगेगा। 
जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, उन्हें तो अवश्य ही दर्श अमावस्या के दिन का व्रत रखना चाहिए तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए, ऐसा करने से जहां आपका भाग्योदय होगा, वहीं धन-समृद्धि पाने के रास्ते भी खुलेंगे। 
 
पीपल या बरगद के वृक्ष में कच्चा दूध तथा जल मिलाकर चढ़ाने की मान्यता है तथा सायंकाल के समय वृक्ष के नीचे दीया जलाना चाहिए। इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए खीर, पूरी तथा मिष्ठान्न बनाकर दक्षिण दिशा में रखकर दीप जलाने से पितृ संतुष्‍ट होकर शुभाशीष देते हैं। साथ ही इस दिन पूजा-पाठ, धार्मिक कार्यों में समय व्यतीत करना चाहिए तथा बुरे कर्मों से दूर रहना चाहिए। इससे जीवन में शुभ फल मिलते है। 
दर्श अमावस्या : 07 मई 2024, मंगलवार के मुहूर्त : 
 
वैशाख कृष्ण अमावस्या का प्रारंभ- 07 मई को अपराह्न 11 बजकर 40 मिनट से, 
दर्श अमावस्या का समापन 08 मई को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर।
 
- गुलिक काल- दोपहर 12 बजकर 18 से 01 बजकर 58 मिनट तक। 
- यमगण्ड- सुबह 08 बजकर 57 से 10 बजकर 37 मिनट तक।
- अभिजित मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 51 से 12 बजकर 45 मिनट तक। 
- अमृत काल- सुबह 08 बजकर 59 से 10 बजकर 27 मिनट तक। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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